कहते रहते तुम सदा, कृष्ण तुम्हारा मित्र, तुम भिक्षुक वह भूप है, लगती बात विचित्र। कहते रहते तुम सदा, कृष्ण तुम्हारा मित्र, तुम भिक्षुक वह भूप है, लगती बात विचि...
आज फिर जश्न मनाओ छलिया आएगा मोह की आग लगाएगा लीलायें दिखाएगा.. आज फिर जश्न मनाओ छलिया आएगा मोह की आग लगाएगा लीलायें दिखाएगा..
दोस्त हर रिश्ते को नाम की जरूरत नहीं, कुछ रिश्ते बेनाम ही खून के रिश्ते से बड़े होते हैं, दोस्त हर रिश्ते को नाम की जरूरत नहीं, कुछ रिश्ते बेनाम ही खून के रिश्ते से बड़े...
मुट्ठी दो मुंह में जो ली थीं मुट्ठी दो मुंह में जो ली थीं
सर्व विकार दूर होए, राधा कृष्ण तू गा सर्व विकार दूर होए, राधा कृष्ण तू गा